बहुरंगी कश्मीरी आरी कढ़ाई के साथ ग्रे ऊनी स्टोल
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बहुरंगी कश्मीरी आरी कढ़ाई के साथ ग्रे ऊनी स्टोल

Made from Natural Sheep Wool

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नियमित रूप से मूल्य₹3,000.00
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उत्पाद वर्णन

सुरुचिपूर्ण शुद्ध भेड़ ऊन स्टोल | कश्मीरी कारीगरों द्वारा मशीन संचालित आरी कढ़ाई

यह स्टोल कश्मीरी बुनकरों द्वारा शुद्ध भेड़ के ऊन से बुना गया है और इस पर विशिष्ट कश्मीरी पुष्प रूपांकनों के साथ सुंदर जीवंत रंगों में कढ़ाई की गई है। सूक्ष्म ग्रे रंग के बेस फ़ैब्रिक पर स्टाइलिश बहुरंगी डिज़ाइन इसे एक बहुमुखी एक्सेसरी बनाता है, जो घर या बाहर कैज़ुअल आउटफिट के पूरक के रूप में एकदम सही है!

Made in India - Icon

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Ghaziabad , Uttar Pradesh

Kashmiri Aari Embroidery

जीआई टैग - No

Aari embroidery is one of the oldest embroidery technique practised in India, mainly in Kashmir and Kutch region in Gujarat. In Kashmir, it is more commonly known as kashidakari or kashmiri zalakdozi (zalakdozi means 'chain stitch' in local language).

Inspired by the lovely seasonal hues, beautiful natural surroundings and the local flora and fauna, together with native artisans' exceptional understanding of blending colors together, makes this Kashmiri craft rightfully popular all across the globe!

This craft form is mainly practiced by Kashmiri men, and it is done on a range of fabrics including wool, silk, cotton, velvet, linen, etc., using a crochet like needle called aari, which has a hook at one end. This hook is inserted down through the fabric and it is fed by a thread from underneath. The hook then pulls up the thread onto the top of the fabric to create loops one after the other, each rising from the previous one in succession, to create a chain of stitches. It is typically done on woollen shawls, stoles, pherans, coats and jackets.

Another variant of aari embroidery is crewel embroidery, which uses the same aari technique except that the crewel needle is much thicker and thus uses thicker threads of silk or wool, to give more embossed feel to the fabric. Crewel embroidery is usually done on rugs, lampshades, wall-hangings, bags, clutches, cushion covers, bed covers, curtains and other home furnishing fabrics.

The beautiful spread of rose flowers and paisleys, intertwined grapevines, butterflies, colorful birds, tree of life, chinar leaf and cypress cone, are the most preferred motifs and patterns that the artisans use to embellish Kashmiri textiles.

The leading wool producing Indian states are Rajasthan, Jammu and Kashmir, Gujarat, Maharashtra and Himachal Pradesh. But around 95% of its wool is of Carpet and Coarser Grade and only 5% is the Apparel Grade. So, India imports fine grade wool from Australia, New Zealand & China to meet the demands of its woollen industry. Interestingly, India is the largest raw wool importer in the world, followed by Italy and Vietnam. Image Credits: UlyssesThirtyOne | CC BY-2.0


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